Rajgarh Tourist Spots – राजगढ़ जिला को पहले झंझनीपुर के नाम से भी जाना जाता था , यह जिला मध्य प्रदेश में भारत सरकार द्वारा चयनित आकांक्षी जिलों में से एक है , राजगढ़ जिला पांच उपमंडलों और नौ तहसीलों में विभाजित हैं | इस शहर का एक अलग ही समृद्ध इतिहास और संस्कृति हैं , जिसमें ऐतिहासिक कई प्राचीन मंदिरों , महलों के लिए यह बहुत प्रसिद्ध हैं ,
आज के इस आर्टिकल में हम आपको राजगढ़ जिले में घूमने के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के बारे में बतायेंगे , यह पर्यटन स्थल राजगढ़ में कहाँ कहाँ है , और यह क्यों प्रसिद्ध हैं !
Rajgarh Tourist Spots
Rajgarh Tourist Spots –कई हरे – भरे जंगलों , झरनों और प्राकृतिक परिदृश्य के साथ राजगढ़ अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए भी प्रसिद्ध हैं | राजगढ़ में प्रसिद्ध राज राजेश्वर मंदिर, चतुभुजनाथजी मंदिर , वेष्णोदेवी मंदिर सुठालिया, कपिलेश्वर महादेव मंदिर, शनि मंदिर, श्री तिरुपति बालाजी मंदिर ,और, अंजनीलाल मंदिर,खोयरी महादेव मंदिर ,जालपा माता मंदिर,श्यामजी साँका मंदिर,भेसवामाता (बीजासन माता) मंदिर, नरसिंह मंदिर – जिसमें राजमाता और उनके 15 वर्षीय पुत्र रावत मोहन सिंह सुरक्षित रह रहे थे। राजगढ़ (झंझेरपुर) में जो राजधानी थी ,और इसमें एक महल है. जिसके कारण राजगढ़ प्रसिद्ध हो गया था।
Rajgarh Tourist Spots – राजगढ़ में घूमने के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
Rajgarh Tourist Spots – नरसिंहगढ़ शहर
नरसिंहगढ़ शहर तक़रीबन 300 साल पुराना शहर है इस शहर में सुंदर झील है नरसिंहगढ़ का किला राजगढ़ जिले का सबसे प्राचीनतम किला है जिसमें पुराना किला परिलक्षित होता दिखाई देता है , यह किला 350 फिट की ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ हैं , यह शहर भोपाल से 83 किलोमीटर की दूरी पर है । इस शहर में शिव मंदिर है जिसे टोपिला महादेव के नाम से जाना जाता है
वनस्पति के साथ कवर पहाड़ियों और पहाड़ियों की ढलान नीचे छोटी नदियों के साथ, हरे भरे घास में कालीन के साथ बैजनाथ महादेव मंदिर के ऊपर से सुखद पैनोरमा, पूर्ण पारदर्शक पानी की झीलों के साथ, बहुत ही आकर्षक है ।
Rajgarh Tourist Spots – श्यामजी साँका मंदिर-नरसिंहगढ़
पार्वती नदी के पास स्थित साँका एक छोटा सा गांव है , जहां पर श्यामजी साँका मंदिर बनाया गया हैं , यह कोटरा से 5 किमी की दुरी पर स्थित है। यहां हर साल माघ माह में मेला लगाया जाता है ,यह प्रसिद्ध मंदिर 16-17वी शताब्दी में राजा संग्राम सिंह (श्याम सिंह) की स्मृति में उनकी पत्नी भाग्यवती द्वारा बनाया गया था ।
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और यह मंदिर राज्य सरकार द्वारा संरक्षित है।
Rajgarh Tourist Spots – जालपा माता मंदिर-राजगढ़
जालपा माता मंदिर राजगढ़ जिले का सबसे प्रसिद्ध और ऐतिहासिक मंदिर है ,और यह मंदिर क़रीबन 550 साल पुराना मंदिर हैं इस मंदिर की स्थापना भील राजाओं द्वारा की गई थीं , हजारों की भीड़ में भक्तजन दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं। यह मंदिर घने जंगलों के बीच में स्थित है
शादी करने के बाद दूल्हा-दुल्हन यहां मातारानी के दरबार में दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं |
Rajgarh Tourist Spots – दरगाह शरीफ़ राजगढ़
दरगाह शरीफ़ राजगढ़ जिले का सबसे प्रसिद्ध दरगाह है यह दरगाह हज़रत बाबा बदख़्शानी र.अ. के नाम से प्रसिद्ध है ’’शाह सैयद क़ुरबान अली शाह बदख़्शानी रहमतुल्लाह अलैह’’ है। जन्म बदख़्शान जो के उस समय ख़ुद मुख़्तार इस्लामी सल्तनत थी सन 1245 हिजरी में हुआ | और राजगढ़ तहसील व जिला राजगढ़ मध्यप्रदेश में स्थित है।
Rajgarh Tourist Spots – चिड़ीखों -नरसिंहगढ़
चिड़ीखों एक पर्यटन स्थल हैं जोकि नरसिंहगढ़, राजगढ़ जिले में स्थित है यह अभयारण्य राज्य के शासको द्वारा बनाया गया था , प्राचीन समय में राज्य के लोग यहां शिकार करने के लिए यहां आया करते थे |
Rajgarh Tourist Spots – यहाँ विभिन्न स्थानों से प्रवासी पक्षी भी आते हैं , यहां स्थित झील को “चिड़ीखों झील” के नाम से जाना जाता हैं ,
इस अभ्यारण में मुख्य रूप से राज्य पक्षी दूधराज एवं राष्ट्रीय पक्षी मोर यहां देखने को मिलते है ,इस अभ्यारण में बड़ी संख्या में और सांभर में चीतल, नीलगाय मुख्य रूप से पाए जाते हैं। उन्हें आप स्वतंत्र रूप से इस अभयारण्य में घूमते देख सकते हैं।
“राजगढ़ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच का हैं जब मौसम खुशनुमा और आरामदायक होता हैं “
Rajgarh Tourist Spots – कोटरा -नरसिंहगढ़
यह कोटरा पहले राजगढ़ राज्य की एक तहसील था ,कोटरा यह नरसिंहगढ़ के दक्षिण से 10 किमी की दूरी पर स्थित है। कोटरा एक पहाड़ी क्षेत्र हैं ,यह स्थान घना जंगल होने की वजह से यहां शेर , चीते (तेंदुआ) ,साँभर ,चीतल, हिरण आदि जानवर बड़ी संख्या में देखने को मिलते है |
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यही कारण है कि यह राज्य का पहले एक प्रमुख शिकार का स्थान था । यह जंगल के किनारे कुछ पुराने सिकरगाह (शिकार स्थान) है।
Rajgarh Tourist Spots – खोयरी महादेव मंदिर-राजगढ़
खोयरी महादेव का एक विशाल एवं सुंदर मंदिर राजगढ़ में स्थित है ,और यह राजगढ़ जिले से सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी पर बना हुआ है, इस मंदिर की स्थापना 500 सालो पहले भीलों के राजा द्वारा की गई थी ,इस मंदिर में लोग भोले बाबा का आकर्षक रूप देखने के लिए यहां पर विशेष तौर पर आते हैं |
और यह स्थान राजगढ़ की सबसे प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट में से भी एक है ,यहाँ पर हर साल शिवरात्री पर शहर से भोले बाबा की बारात महादेव मंदिर तक लायी जाती है एवं यहां पर शिव पार्वती विवाह की रस्म का आयोजन बड़े धूमधाम के साथ किया जाता है ।
Rajgarh Tourist Spots – श्रीनाथजी का बडा मंदिर राजगढ़
राजगढ़ जिले का श्रीनाथजी का बड़ा मंदिर नेवज नदी के तट पर पहाड़ियों के बीच अपनी अति प्राचीन एवं भव्यता के लिए बहुत प्रसिद्ध है, यह मंदिर क़रीबन 100 साल से भी ज्यादा पुराना है, सैकड़ों की तादाद में लोग मंदिर पहुंचते हैं ,और भगवान श्रीनाथजी के दर्शन का लाभ उठाते हैं।
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प्रतिदिन यहां सुबह 8 बजकर 30 मिनिट पर मंगला आरती की जाती है , एवं 9 बजकर 15 मिनिट पर श्रृंगार दर्शन व 10 बजकर 15 मिनिट पर बाबा के राजभोग दर्शन के लिए शरणार्थी यहां आते है , शाम को 6 बजकर 15 मिनिट पर संध्या भोग एवं 6 बजकर 30 मिनिट पर श्रीनाथजी के शयन दर्शन किये हैं।
Rajgarh Tourist Spots – वेष्णोदेवी मंदिर सुठालिया-ब्यावरा
राजगढ़ जिले की ब्यावरा तहसील से 25 किमी. दूर सुठालिया में माँ वैष्णो देवी जी का मंदिर हैं,सुठालिया के निकट मक्सूदनगढ-लटेरी मार्ग पर स्थित है ,इस मंदिर मे मॉ वेष्णोधाम गुफा का भी निर्माण किया गया था जो वैष्णोदेवी मंदिर जम्मू कटरा का आभास कराता है |
इस मंदिर के धार्मिक एवं एतिहासिक महत्व के कारण पशुपति नाथ घूरेल मंदिर पर हर साल सावन सोमवार को भक्तजनो की भारी भीड़ रहती है |
Rajgarh Tourist Spots – अंजनीलाल मंदिर ब्यावरा
राजगढ़ जिले के ब्यावरा में अजनार नदी के तट पर स्थित श्री अंजनीलाल मंदिर धाम की पवित्र भूमि है, एक ऐसा स्थान जहाँ आध्यात्मिकता दिव्यता से मिलती है। इस मंदिर की आकृति एक भव्य राज महल के समान ही है , जिसके बाहर एवं अन्दर श्वेत मकराना संगमरमर लगाया गया है |
• भगवान श्री राम मन्दिर
• निर्माणाधीन भगवान श्री अंजनीलाल मंदिर
• भगवान व्दादशज्योतिर्लिगेश्वर महादेव मन्दिर
राजगढ़ के ब्यावरा में स्थित यह पवित्र भूमि भगवान राम, भगवान शिव और भगवान हनुमान के तीन भव्य मंदिरों के दर्शन करने के लिए दूर-दूर से आने वाले भक्तों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है। इसका शांतिपूर्ण वातावरण और प्राकृतिक सुंदरता इसे ध्यान और आंतरिक शांति के लिए सबसे अच्छी जगह बनाती है।
Rajgarh Tourist Spots – घुरेल अष्टमुखी पशुपतिनाथ मंदिर ब्यावरा
राजगढ़ जिले नगर ब्यावरा और सुठालिया के बीच में पशुपति नाथ घूरेल मंदिर स्थित है ,यह हर साल सावन सोमवार को भारी भीड़ रहती है ,इस मंदिर का एतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्व हैं यह मंदिर ब्यावरा से 15 किलोमीटर की दूरी पर है ,इस मंदिर के पास गुफाएं भी है , अष्टमुखी पशुपतिनाथ जी की विशालकाय मूर्ति को 1993 में स्थापित किया गया , इसकी ऊंचाई 7 फीट है |
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यहां पर हर साल मकर संक्रांति पर मेला लगता है और बड़ी संख्या में लोग यहाँ आते हैं , यहां पिछले कई वर्षों से हरियाली अमावस्या पर नगर में कावड़ यात्रा निकाली जाती है।
Rajgarh Tourist Spots – मोहनपुरा डैम (राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा डैम)
अगर आप राजगढ़ आए तो मोहनपुरा बांध जरूर घूमने जाये , यह डेम राजगढ़ जिले का सबसे बड़ा डैम मोहनपुरा डैम है जोकि राजगढ़ से 8 किलोमीटर दूर नेवज नदी पर बनाया गया है ,मोहनपुरा सिंचाई परियोजना देश की ऐसी पहली ऐसी परियोजना है , जिससे प्रेशर से खेतों में सिंचाई की जाएगी ,यह देश की पहली लंबी पाइपलाइन है |
3800 करोड़ लागत की इस परियोजना के तहत सबसे लंबी प्रेशरयुक्त पाइप वाली अंडरग्राउंड नहर से 1 लाख 35 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई की जाती है। बांध का जलग्रहण क्षेत्र 3726 वर्ग किमी है | मोहनपुरा डेम में टोटल 17 गेट है बरसात में यह बांध पानी से पुरी तरह भर जाता है , तब इस डेम से सभी गेट खोल दिए जाते है,उस समय डेम का दृश्य बहुत ही सुन्दर और मनभावन सा लगता है ,इसलिए ज़्यदातर पर्यटक यहां बरसात के समय पर आते हैं |
Rajgarh Tourist Spots – कुण्डालिया डेम
मध्यप्रदेश के जिला राजगढ़ एवं आगर-मालवा जिला के बीच कालीसिंध नदी पर कुण्डालिया वृहद सिंचाई परियोजना का निर्माण किया गया है । कुण्डालिया डेम मध्यप्रदेश के जिला राजगढ़ का दूसरा बड़ा डेम है , परियोजना की स्वीकृत लागत रु. 3448.00 करोड़ हैं। कुण्डालिया बांध का निर्माण कार्य 12/2018 में पूर्ण किया गया हैं।
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इस परियोजना से राजगढ़ जिले के सारंगपुर, खिलचीपुर एवं जीरापुर तथा आगर-मालवा जिले के नलखेड़ा एवं सुसनेर विकास खण्ड में कुल 1,30,639 हेक्टेयर रबी क्षेत्र में नवीन तकनीकी यथा ड्रिप, स्प्रिंकलर आदि से 419 ग्रामों में सिंचाई किया जाना प्रस्तावित हैं।
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Rajgarh Tourist Spots – श्री तिरुपति बालाजी मंदिर जीरापुर
राजगढ़ जिले जीरापुर में स्थित तिरुपति बालाजी की महिमा दुनिया भर में है। दक्षिण भारत में स्थित तिरुपति देव में हर साल लाखों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। जीरापुर से भक्तों में से एक श्री ओम प्रकाश मूंदड़ा और उनकी पत्नी शकुंतला हैं। जब यह जोड़ा तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए पहुंचा, तो उनके दिमाग में एक विचार आया कि क्यों न जीरापुर में भी ऐसा ही तिरुपति बालाजी का भव्य मंदिर बनवाया जाए। तब 3 सितंबर 1998 को जीरापुर में, 25000 लोगों की एक छोटी आबादी वाले शहर में बालाजी मंदिर की नींव स्वामी श्री घनश्यामचार्यजी महाराज ने रखी थी।
भगवान तिरुपति बालाजी मंदिर के निर्माण में लगभग 2 साल लगे। 29 अप्रैल से 4 मई 2000 तक प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया गया , और फिर व्यंकटेश भगवान तिरुपति बालाजी का मंदिर जनता के लिए दर्शन के लिए खोल दिया गया, और तब से हर दिन 2000-2500 भक्त यहां दर्शन करने आते हैं |
Rajgarh Tourist Spots – शनि मंदिर खिलचीपुर
वर्तमान समय में खिलचीपुर के नाहरदा स्थित परिसर में प्राचीन शनि मंदिर है। यहाँ पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है ,इस मंदिर में जिले के साथ ही आसपास से हजारों लोग दर्शन के लिए आते है ,शनिचरी अमावस्या पर जिले के एक मात्र प्राचीन शनि मंदिर पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है |
लेकिन मान्यताओं के अनुसार यह मंदिर आज से नहीं बल्कि सदियों से प्रसिद्ध है 100 साल पहले नदी के पानी में शनिदेव की मूर्ति बहकर आई थी, जिसका स्वप्न राजा को आया था, इसके बाद शनिदेव का मंदिर बनवया गया और शनिदेव की मूर्ति निकलवाकर उसकी स्थापना करवाई गई , मान्यता है कि इस मंदिर के दर्शन करने से शनि का दोष शांत हो जाता है |
Rajgarh Tourist Spots – भेसवामाता (बीजासन माता) मंदिर -सारंगपुर
भैंसवा माता (माँ बिजासन) का भव्य मंदिर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में स्थित है। जोकि संडावता राजमार्ग से 19 किलोमीटर उत्तर में 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप मंदिर तक आसानी से पहुंच सकते हैं , क्योंकि यहां हर घंटे बस की अच्छी सुविधाएं उपलब्ध रहती है। मां बिजासन का चमत्कारी मंदिर चार सौ वर्षों से भी अधिक समय से अपने स्थान पर है।
मान्यताओं के अनुसार मंदिर में महाशक्तियाँ हैं और माँ बिजासन मंदिर के आसपास समय-समय पर होने वाली विभिन्न चमत्कारी घटनाओं से अपनी उपस्थिति साबित करती रहती हैं। माँ बिजासन मंदिर जिले में सबसे बड़े और धार्मिक केंद्रों में से एक माना जाता है यहां हर दिन हजारों भक्तजन मां से आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं। जिले में नवजात बच्चों और नवविवाहित जोड़ों को शक्तिपीठ ले जाकर भैंसवा मां की कृपा से अपना नया जीवन शुरू करने की परंपरा है। यह हर साल बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर एक माह का पशु मेला लगाया जाता है
माघ मेला – हर साल माघ महीने की बसंत पंचमी से पुर्णीमा तक एवं मेला का समापन पूर्णिमा की रात्री में माँ भैसवामाता (बिजासन माता मंदिर) की पालकी पहाडी के मुख्य मंदिर से ग्राम भैसवामाता के समस्त देवस्थानो पर होते हुए वापस मुख्य मंदिर तक नगर भ्रमण होता है , जिसमे हजारो की संख्या में श्रद्धालु एवं भक्तजन भाग लेते है |
नवरात्री – दर्शन एवं चुनर यात्रा (चेत्र एवं अश्विन माह) में आयोजित की जाती है |
Rajgarh Tourist Spots – कपिलेश्वर महादेव मंदिर-सारंगपुर
राजगढ़ जिले के सारंगपुर में कालीसिंध नदी के बीच में बना हुआ कपिलेश्वर महादेव मंदिर अपनी अलौकिकता, प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिकता के लिए बहुत प्रसिद्ध केंद्र है। ,यह मंदिर वस्तु कला का अनूठा नमूना है, इसकी मंदिर की एक विशेषता यह भी है कि यह नदी की तेज धार और हर साल आने वाली बाढ़ के बीच भी सुरक्षित रहता है |
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ऐतिहासिक मान्यताओं के अनुसार मंदिर की इस चट्टान पर कपिल मुनि ने यहां तपस्या की थी। उनके द्वारा ही इस शिवलिंग की स्थापना की गई थी , यह मंदिर नदी के बीच एवं श्मशान भूमि के किनारे होने से इस मंदिर में जप और पूजन का महत्व किसी ज्योतिर्लिंगेश्वर से कम नहीं माना जाता है। यहां हर साल कार्तिक की पूर्णिमा पर कपिलेश्वर मंदिर के मैदान पर 7 दिवसीय मेला लगाया जाता है। इसी के पास श्री बालाजी व नवग्रहों के साथ शनि मंदिर भी है।
इसके आलावा भी राजगढ़ जिले में कई पर्यटक स्थल है जो काफ़ी प्रसिद्ध हैं जैसे : –
- छापी बांध एवं पार्क – जोकि जीरापुर में स्थित एक प्रमुख स्थान हैं |
- खिलचीपुर का राजमहल ,राजगढ़ – खिलचीपुर का राजमहल एक प्राचीनतम महल है जिसे आज खिलचीपुर के किले के नाम से जाना जाता है यह गंगा नदी के किनारे बसा हुआ है |
- हिंगलाजगढ़ का किला – यह किला अपनी वस्तुकला एवं ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है |
- रतनपुर किला- यह किला पचोर के शासको के द्वारा बनाया गया था ,यह राजगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है |
- चाचौड़ा – एक छोटा सा शहर है जो राजगढ़ से 25 किलोमीटर दूर है यह शहर अपने खूबसूरत मंदिरो और अपने प्राकृतिक परिदृश्य के लिए जाना जाता है |
- शिकारगंज वन्य अभ्यारण – यह राजगढ़ से 45 किलोमीटर की दूरी पर है ,इस अभ्यारण में बाघ, तेंदुआ ,जंगली सुअरों एवं विभिन्न प्रकार के पक्षियों के एवं जीवो का घर है |
- किशनपुरा बांध – किशनपुरा बांध राजगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर है जो एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है यह बांध आसपास की पहाड़ियों के सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है |
- ब्यावरा का तालाब – राजगढ़ के ब्यावरा क्षेत्र में स्थित एक सुरम्य झील है जोकि पिकनिक और बोटिंग के लिये लोकप्रिय स्थान है |
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