Happy Guru Purnima : गुरु के सम्मान में हर साल आषाढ़ पूर्णिमा पर गुरु पर्व मनाया जाता है, इसे गुरु पूर्णिमा कहते हैं. ये गुरु के प्रति आभार व्यक्त करने का दिन होता है क्योंकि गुरु ही शिष्य का मार्गदर्शन करते हैं और वे ही जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं. गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 को है. गुरु के बिना ज्ञान और मोक्ष दोनों ही प्राप्त करना असंभव है.

Guru Purnima 2023
Guru Purima 2023 - Happy Guru Purnima 2023 1

गुरु पूर्णिमा(Guru Purnima 2023) क्यों मनाई जाती है इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. आषाढ़ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा का पर्व संपूर्ण भारतवर्ष में मनाया जाता है. भारत एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में विश्व विख्यात है तथा सहस्त्र वर्षों से भारत में गुरुओं को एक विशेष स्थान दिया जाता आ रहा है. गुरु हमें अज्ञानता से ज्ञान की ओर अग्रसर करता है.सनातन संस्कृति में गुरु का स्थान सबसे महत्वपूर्ण है गुरु को भगवान के समान माना जाता है क्योंकि गुरु ज्ञानदाता होने के साथ-साथ मोक्ष दाता भी माना जाता है. वेद और पुराणों में भी गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है, गुरु को ब्रह्मा, विष्णु, महेश के समान पूजनीय माना जाता है. इन सभी मुख्य कारणों के अतिरिक्त भी इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे कि गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है संपूर्ण भारतवर्ष में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है. हमारे देश में मनाए जाने वाले प्रत्येक त्योहार के पीछे कोई ना कोई पौराणिक मान्यता जरूर होती है. गुरु पूर्णिमा मनाए जाने के पीछे भी एक पौराणिक मान्यता है जो महर्षि वेदव्यास से संबंधित है. दीर्घकाल से भारत में चली आ रही गुरु शिष्य की परंपरा से हम गुरु की महत्ता का पता लगा सकते हैं. HAPPY GURU PURNIMA 2023.

गुरु पूर्णिमा(GURU PURNIMA) का मतलब क्या होता है?गुरु पूर्णिमा एक हिंदू त्योहार है जो गुरु या किसी भी आध्यात्मिक शिक्षक को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। यह उनका आभार व्यक्त करने का भी एक तरीका है। गुर शब्द संस्कृत शब्द के गु से शुरू होता है, जिसका अर्थ है अंधकार और रु का अर्थ है दूर करना। अर्थात गुरु का मतलब है अंधकार को दूर करना।

गुरु पूर्णिमा कब और क्यों मनाया जाता है?हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है। इस बार ये 3 जुलाई को पड़ रहा है। इस दिन गुरु की पूजा करने का विधान है क्योंकि गुरु ही अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं। इसलिए गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश के समान माना गया है।

हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?यह त्यौहार पारंपरिक रूप से किसी के चुने हुए आध्यात्मिक शिक्षकों या नेताओं को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार आषाढ़ (जून-जुलाई) महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस उत्सव को महात्मा गांधी ने अपने आध्यात्मिक गुरु श्रीमद राजचंद्र को श्रद्धांजलि देने के लिए पुनर्जीवित किया था।

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