कहा पंहुचा चंद्रयान -3 ? लाइव / kaha pahucha Chandrayaan 3 ? Live
1 अगस्त को जब चंद्रमा हाइवे पर डाला गया , तब आकलन में उसकी गति करीब 38,520 किलोमीटर प्रतिघंटा थी. जो अब घटकर करीब 37,200 किलोमीटर हो गई है
चंद्रयान-3 को लाइव ट्रैक कर सकते हैं
ट्रैक करना अब मुश्किल काम नहीं है. आप चाहें तो इसे आसानी से ट्रैक कर सकते हैं. इसके लिए आपको लाइव ट्रैकर का इस्तमाल करना होगा. मौजूदा वक्त में चंद्रयान धरती से 37200 किलोमीटर हर घंटे की रफ्तार से मून की ओर बढ़ रहा है
चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ने का प्रयास करेगा. 100 फीसदी उम्मीद है कि चंद्रयान इस काम में सफल होगा. इसरो वैज्ञानिक पहले भी दो बार ये काम सफलतापूर्वक कर
अंतरिक्ष में कहां पहुंचा? कितने दिन बचे हैं? कितनी दूरी और तय करनी है
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चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ने का प्रयास करेगा. 100 फीसदी उम्मीद है कि चंद्रयान इस काम में सफल होगा. इसरो वैज्ञानिक पहले भी दो बार ये काम सफलतापूर्वक कर
चांद पर उतरने में सिर्फ 20 दिन बचे हैं. दो दिन बाद वह चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ने का प्रयास करेगा. 100 फीसदी उम्मीद है कि चंद्रयान इस काम में सफल होगा. इसरो वैज्ञानिक पहले भी दो बार ये काम सफलतापूर्वक कर चुके हैं. लेकिन चंद्रयान-3 है कहां? अंतरिक्ष में किस तरफ जा रहा है?
इसरो के बेंगलुरु स्थिति इसरो टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) लगातार चंद्रयान की गति, सेहत और दिशा पर नजर रख रहा है. इसरो ने आम जनता के लिए एक लाइव ट्रैकर लॉन्च किया है. जिसके जरिए आप देख सकते हैं कि चंद्रयान-3 अंतरिक्ष में इस समय कहां है. उसे चंद्रमा पर पहुंचने में कितने दिन बचे हैं.
हाल ही में करीब 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चांद की ओर बढ़ रहा है यात्रा फिलहाल हाइवे पर ही हो रही है. लेकिन दो दिन बाद वह चंद्रमा के ऑर्बिट में यानी 5 अगस्त 2023 की शाम 6 बजकर 59 मिनट पर. इस समय चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से करीब 40 हजार किलोमीटर दूर रहेगा. यहां से चांद की गुरुत्वाकर्षण शक्ति शुरू हो जाती है.कहा पंहुचा चंद्रयान -3 ? लाइव / kaha pahucha Chandrayaan 3 ? Live
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चंद्रयान-3 की गति को करीब 7200 से 3500 किलोमीटर प्रतिघंटा के बीच करनी होगी 5 से लेकर 23 अगस्त तक चंद्रयान की स्पीड लगातार कम होती जा रही है. चांद के गुरुत्वाकर्षण 5 से लेकर 23 अगस्त तक शक्ति के हिसाब से फिलहाल चंद्रयान की गति ज्यादा है. चंद्रयान-3 की गति को कम करके 2 या 1 किलोमीटर प्रति सेकेंड पर लाना होगा. यानी 7200 या 3600 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार. इस गति पर ही चंद्रयान-3 चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ेगा. फिर धीरे-धीरे उसके दक्षिणी ध्रुव के पास पर लैंड कराया जाएगा.कहा पंहुचा चंद्रयान -3 ? लाइव / kaha pahucha Chandrayaan 3 ? Live
ग्रैविटी पृथ्वी से 6 गुना कम है. इसलिए चंद्रयान-3 की गति कम करनी होगी. नहीं हुई तो चांद से आगे निकल जाएगा चंद्रयान-3. ऐसा नहीं होगा. असल में चंद्रयान-3 इस समय 288 x 369328 किलोमीटर की ट्रांस लूनर ट्रैजेक्टरी में यात्रा कर रहा है. अगर यह चांद का ऑर्बिट नहीं पकड़ पाता है, तो 230 घंटे बाद यह धरती के पांचवी कक्षा वाले ऑर्बिट में वापस आ जाएगा इसरो वैज्ञानिक एक और प्रयास करके इसे वापस चंद्रमा पर भेज सकेंगे.
स्पेस एजेंसियों ने सीधे चंद्रमा की ओर अपने रॉकेट के जरिए स्पेसक्राफ्ट भेजा. उन्हें निराशा ज्यादा मिली है. तीन मिशन में एक फेल हुआ. लेकिन इसरो ने जो रास्ता और तरीका चुना है, उसमें फेल होने की आशंका बेहद कम है. यहां दोबारा मिशन पूरा करने का चांस है.
5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से करीब 40 हजार किलोमीटर दूर वाली अंडाकार ऑर्बिट को पकड़ेगा. इसके बाद 17 अगस्त तक ऑर्बिट मैन्यूवर होगा. 17 को ही 100 किलोमीटर वाले ऑर्बिट में चंद्रयान-3 डाला जाएगा.
लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगी. यानी चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल धीमे-धीमे चंद्रमा के 100×30 किलोमीटर के ऑर्बिट में जाएगा. इसके बाद 23 अगस्त की शाम करीब पौने छह बजे लैंडिंग होगी. अभी तक चंद्रयान-3 के इंटिग्रेटेड मॉड्यूल का मुंह चांद की ओर था. जल्द ही इसे घुमाया जाएगा
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डीऑर्बिटिंग या डीबूस्टिंग करते समय चंद्रयान-3 को दिक्कत न हो.
लोगों में यह जानने की खासी उत्सुकता है कि वह कहां तक पहुंचा. छोटी से छोटी जानकारी लोग चंद्रयान-3 के बारे में जानना चाहते हैं. लेकिन आज की रात चंद्रयान-3 के लिए बेहद महत्वपूर्ण है.
वह अंतरिक्ष में एक लंबी छलांग लगाने जा रहा है. चंद्रयान-3 एक अगस्त को रात में 12 से 1 बजे के बीच धरती की कक्षा से निकलकर चांद की ओर कदम बढ़ा देगा. चांद की कक्षा तक पहुंचने में चंद्रयान-3 को महज 6 दिन का वक्त लगेगा. फिलहाल इसरो आज आधी रात को चंद्रयान-3 की मैनुअर यानी प्रक्रिया को पूरा करेगा, जिसमें 28 से 31 मिनट का समय लगेगा.
इसरो को बधाईयां
5 अगस्त 2023 को अपना यान चांद की कक्षा में पहुंच सकता है। सोशल मीडिया पर लोग इसरो को बधाई और आगे के लिए शुभकामनाएं दे रहे हैं। कई लोगों ने ट्विटर पर लिखा है,
चंद्रयान यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया आज तड़के अंजाम दी गई। इससे चंद्रयान-3 पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलकर ‘ट्रांसलूनर’ कक्षा में चला गया और चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ने लगा है। उसे चंद्रमा की कक्षा तक पहुंचने में करीब पांच दिन लगेंगे।
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2009 में पूरी तरह से ऑपरेशनल हुआ था. तब से लेकर आज तक ऐसा नहीं हुआ कि ह्यूस्टन से उसका संपर्क टूटा हो. नासा के मुख्यालय में बिजली का बैकअप है. पूरा का पूरा बैकअप कंट्रोल सिस्टम है ताकि करीब 450 किलोमीटर ऊपर चक्कर लगा रहे स्पेस स्टेशन पर मौजूद एस्ट्रोनॉट्स से संपर्क साधा जा सके.
36,968.4 किलोमीटर प्रतिघंटा. यानी 10.269 किलोमीटर प्रतिसेकेंड. यानी चंद्रयान-3 एक सेकेंड में सवा दस किलोमीटर की यात्रा कर रहा था. अभी इसकी गति 36,968 से 40,320 किलोमीटर के
दुनिया के 11 देश हैं
चंद्रमा पर अपने मिशन भेज चुके हैं. कई प्रकार के मिशन. इंसानों को सिर्फ अमेरिका ने उतारा है. भारत से पहले या लगभग साथ में जापान और इजरायल ने सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास किया लेकिन विफल रहे.
भारत का चंद्रयान-3 मिशन 14 जुलाई 2023 की दोपहर को शुरू हुआ
चंद्रयान-3 रॉकेट श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से दोपहर 2.37 बजे रवाना हुआ।
फ्रांस की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चंद्रयान-3 के लॉन्च का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने पेरिस में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘भारत में चंद्रयान-3 की लॉन्च के लिए रिवर्स काउंटिंग की गूंज सुनाई दे रही ही है। कुछ ही पलों बाद भारत के श्रीहरिकोटा से ये ऐतिहासिक लॉन्च होने जा रहा है।’
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