Onam 2023 : ओणम कब,क्यों,कैसे,कहाँ मनाया जाता,जाने कुछ विशेष ओणम त्यौहार के बारे में ,क्या ओणम पर छुट्टी रखी जाएगी ???
लेकिन दक्षिण भारत के मुख्य त्योहारों की बात करें तो दस दिन तक चलने वाले ओणम का त्योहार यहां काफी धूमधाम से मनाया जाता है. आपको बता दें कि ये पर्व महाराजा बलि और वामन अवतार लेने वाले भगवान विष्णु के स्वागत के तौर पर मनाया जाता है. इस साल यानी 2023 में ओणम (Onam 2023) पर्व 20 अगस्त से शुरू होकर 31 अगस्त तक मनाया जाएगा. ओणम पर्व की आधिकारिक तिथियां मलयालम कैलेंडर पर आधारित होती हैं
भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर महाराजा बलि से दान में तीन पग जमीन मांगी थी. राजा बलि सच्चे ह्रदय के स्वामी होने के साथ साथ बहुत बड़े दानी थे. उन्होंने तीन पग जमीन लेने की हामी भर दी. तब वामन अवतार लेकर राजा बलि की परीक्षा ले रहे भगवान विष्णु ने विशाल स्वरूप अपनाया और एक पग में धरती और दूसरे पग में आसमान नाप लिया. तीसरे पग के लिए जब कुछ बचा ही नहीं तो अपना प्रण रखने के लिए राजा बलि ने अपनी छाती आगे कर दी. इस तरह उनके रहने के लिए जब जगह नहीं बची तो भगवान विष्णु ने उनको पाताल लोक में भेज दिया.
इसके बाद राजा बलि हर साल सावन माह के श्रवण नक्षत्र में अपनी प्रजा की सुध लेने धरती पर आते हैं. इस दस दिनों के दौरान दक्षिण भारत में घर सजाए जाते हैं, बाजारों में खूब रौनक रहती है और पूजा पाठ के साथ साथ लोग उत्सव मनाते हैं , ओणम कब,क्यों,कैसे,कहाँ मनाया जाता,जाने कुछ विशेष ओणम त्यौहार के बारे में ,क्या ओणम Onam 2023 पर छुट्टी राखी जाएगी ???
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पहले औऱ आखिरी दिन को थीरुओणम कहा जाता है. इन दस दिनों के दौरान केरल और आस पास के राज्यों में जबरदस्त आय़ोजन होते हैं. कथकली का डांस, सर्प नौका दौड़ जैसे खेल खेले जाते हैं और कई तरह के मेले लगते हैं. इन दिनों पुरुष फूल लाते हैं औऱ महिलाएं इन फूलों से घर सजाती हैं और मुख्य द्वार पर रंगोली बनाती हैं
Onam 2023 : पर्व को लेकर धार्मिक मान्यता है कि इस अवसर पर राजा महाबलि पाताल लोक से धरती पर लोगों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं
‘ओणम’ (Onam 2023) पर्व, जो दक्षिण भारत के मुख्य त्योहारों में से एक है, वैसे ये पर्व मुख्य तौर पर केरल में मनाया जाता है लेकिन अब इस त्योहार की रौनक देश के हर कोने में दिखने लगी है। दस दिनों तक चलने वाले इस पर्व का आखिरी दिन बहुत ज्यादा खास होता है, जिसे कि ‘थिरुवोणम’ कहा जाता है, जिसका अर्थ होता है ‘पवित्र ओणम
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आज के दिन राजा महाबलि अपनी प्रजा को आशीष देने के लिए पाताल लोक से आते हैं इसलिए केरलवासी इस पर्व पर अपने घरों को खूब सजाते हैं और खुद भी नए कपड़े पहनते हैं और खूब पकवान बनाते हैं, कुल मिलाकर ओणम एक तरह से उत्सव वाला पर्व है
भगवान विष्णु से माफी मांगी, जिस पर भगवान ने उन्हें पाताल लोक में निवास करने को कहा लेकिन साथ ही ये भी कहा कि तुम सच में बहुत दयालु हो इसलिए वर मांगो, इस पर राजा ने उनसे एक दिन के लिए अपनी प्रजा से मिलने आने का वरदान मांगा, भगवान ने उसे दे दिया, तब से ही मान्यता बन गई कि ओणम के दिन राजा अपने राज्य की जनता से मिलने आते हैं।
दक्षिण भारत के केरल और तमिलनाडु बड़ी ही धूमधाम के साथ मनया जाता है. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार का अंतिम दिन बेहद खास होता है, जिसे थिरुवोणम (Thiruvonam) कहते हैं. थिरुवोणम दो शब्दों से मिलकर बना है, थिरु और ओणम. थिरु का अर्थ है पवित्र और ओणम पर्व का नाम है
इस दिन भगवान विष्णु ने वामन अवतार लिया था. यही कारण है कि इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा होती है. आइए जानते हैं ओणम कब, मुहूर्त व महत्व
वह बहुत ही परोपकारी और दानी राजा था। लेकिन अधिक शक्तिशाली होने के कारण उसने तीन लोगों के साथ देवताओं पर विजय प्राप्त कर ली। ऐसे में देवताओं से भगवान विष्णु से मदद मांगी। ऐसे में विष्णु जी ने वामन अवतार लेकर महाबली से दान में पृथ्वी से लेकर आकाश तक की जमीन नाप दी
ओणम 10 दिन तक चलने वाला त्योहार है. ये त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार और महाबलि नाम के राजा को समर्पित है. आइए जानते हैं साल 2023 में ओणम (Onam 2023) की डेट, मुहूर्त और महत्व
राज महाबलि की पाताल लोक से पृथ्वी लोक पर वार्षिक यात्रा को समर्पित है ऐसी मान्यता है कि, थिरुवोणम के दिन दैत्य राज महाबलि प्रत्येक मलयाली घर में जाकर अपनी प्रजा से मिलते हैं. ओणम का त्योहार भगवान विष्णु के वामन अवतार लेने के रूप में भी मनाया जाता है. मान्यता है कि ओणम के दिन भगवान विष्णु की उपासना करने वालों के घर कभी दुख के बादल नहीं मंडराते, सुख, धन, बरकत बनी रहतीOnam : ओणम कब,क्यों,कैसे,कहाँ मनाया जाता,जाने कुछ विशेष ओणम त्यौहार के बारे में ,क्या ओणम पर छुट्टी राखी जाएगी ???
ओणम त्योहार के चलते इन राज्यों में स्कूलों और कॉलेजो की छुट्टी का ऐलान? देखे पूरी लिस्ट
इसके साथ ही सितम्बर का महीना शुरू हो रहा है. स्कूलों में अगस्त में इस बार कई छुट्टियां पड़ रही है. ऐसे में अगस्त महीने के छुट्टियों की पूरी लिस्ट हम आपको बताने जा रहे हैं. इसके हिसाब अभिवावक अपने बच्चों के साथ छुट्टियां प्लान कर सकते हैं. 29 अगस्त 2023 को कई राज्यों में ओणम त्योहार मनाया जा रहा था. ऐसे में छुट्टियों का ऐलान सरकार के द्वारा किया जाता आ रहा है.इसे उत्सव और छुट्टियों का महीना भी कहा जाता है, जहां शनिवार और रविवार की छुट्टियों के अलावा 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस), नागपंचमी और रक्षा बंधन जैसे कई अन्य दिवस भी शामिल है। हर राज्य में अगस्त की छुट्टियां राज्य के त्यौहार और दिवस के अनुसार भी दी जाती
ओणम (Onam 2023) का पर्व 20 अगस्त से शुरू हो रहा है, जो 31 अगस्त को समाप्त होगा। 10 दिनों तक चलने वाले इस पर्व में हर एक दिन काफी खास होता है।
पर्व अधिकतर अगस्त-सितंबर महीने के बीच में आता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ओणम यानी थिरुओणम के दिन राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने के लिए आते हैं। इसी के कारण उनकी आने की खुशी में इस पर् को पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है। जानिए ओणम (Onam) पर्व कब से कब तक है। इसके साथ ही जानिए इसका महत्व।ये 10 दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है जो मुख्य रूप से मलयाली समाज द्वारा मनाया जाता है। 10 दिनों तक रोज अलग-अलग परंपराएं निभाई जाती हैं। ओणम के अंतिम दिन सभी लोक एक जगह पर इकट्ठा होकर जश्न मनाते हैं। इस बार ओणम पर्व 29 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा।
ओणम (Onam) की कथा दैत्यों के राजा बलि से जुड़ी है। इसके अनुसार किसी समय दक्षिण भारत में दैत्यों के राजा बलि का शासन था। राजा बलि स्वर्ग पर शासन करना चाहते थे, इसलिए उन्होंने एक महान यज्ञ का आयोजन किया। देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी। तब भगवान विष्णु वामन के रूप में यज्ञ स्थल पर गए और राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांग ली। बलि ने दान देना स्वीकार किया। भगवान वामन ने विशाल रूप धारणकर धरती और स्वर्ग को नाम लिया और तीसरा पैर बलि के ऊपर रखा, जिससे वह सुतल लोक में चला गया। प्रसन्न होकर भगवान ने उसे सुतल लोक का राजा बना दिया। मान्यता है कि राजा बलि साल में एक बार धरती पर आकर अपनी प्रजा का हाल जानते हैं, इसी खुशी में ओणम मनाया जाता है।
कुछ खास बातें इसमें लगभग 26 पकवान शामिल होते हैं। ये भोजन केलों के पत्तों पर पारंपरिक रूप में खाया जाता है। साद्या थाली में चेन यानी सूरन करी, परिप्पु करी, पच्चड़ी, पुलुस्सरी, सांबर, उपेरी, शर्करा वरही, नारंगा करी, मांगा करी, रसम, कालन, एलिस्सरी, अवियल, तोरन और पायसम आदि व्यंजन प्रमुख रूप से होते हैं.
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