मनुष्यता निर्वस्त्र करने वाली मणिपुर दर्दनाक घटना / Manipur Dardnaak Ghatna
मनुष्यता निर्वस्त्र
इतिहास के पन्नों में जब पलटकर देखा तो आदिमानव काल में जब इंसान असभ्य से धीरे-धीरे सभ्यता की ओर बढ़ रहा था, किन्तु परिवर्तन के उस दौर में भी कही ऐसा घृणास्पद एवं जघन्य रूह कांपने वाली इंसानियत तार-तार हुई है, ऐसा कभी नही हुआ है।
आज हम सभ्य समाज कहलाते है, लेकिन समाज के अंदर आज भी ऐसे हैवान की मौजूदगी है, जो शायद पहले राक्षसी युग में भी नहीं रही होगी। मन कुंठित हो उठा जब उस 26 सेंकड के विडियो में कुछ घृणित कायर निकम्मों की एक टोली 02 स्त्रीयों को निर्वस्त्र करके उनके शारीर के साथ सामूहिक अत्याचार कर रहे थे, क्या उस निकम्मों कायरों की भीड़ में किसी के पास कोई इंसानियत नही थी, जो उन 02 स्त्रियों की आबरू को बचा सकता था।
लेकिन कहते है इंसान से बड़ा जानवर इस धरती पर कोई नहीं है, जो अपने स्वार्थ परायणता के लिए किसी को भी छति पहुँचाने से हिचकता नही है। इंसान की पुरुष जाति में कुछ घृनित कायर निकम्में किस्म के होते है जो औरत को उपभोग की वस्तु समझकर उसे प्रताड़ित करते है और जानवरो से भी खराब व्यवहार करते है। पुरुष प्रजाति ने हर युग में स्त्रियों पर अपना रौब झाड़ा है, लेकिन आज आधुनिक युग में स्त्रियों ने अपनी मेहनत से आगे बड़ने के लिए कदम बढाया तो कुछ परम्परावादी निकम्मा कायर किस्म की पुरुष जाती, जो स्त्रियों का बढता कदम सहन नही कर पा रही है और इसलिए मणिपुर जैसी जघन्य अक्षम्य किस्म की घिनोनी हरकत कर, समाज को लज्जित करने का कृत्य कर रहे है। इन सेंकडो की नपुंशक भीड़ में अगर कोई मर्द होता तो उन बहनों को संपूर्ण विश्वभर में लज्जित नही होना पड़ता।
यह घटना मानवजाती को शर्मसार कर रही है लेकिन मजाल की सभ्य कहलाने वाले बुद्धिजीवी, स्त्रियों का नेतृत्व करने वाली तथाकथित नेत्रियां अपनी जबान खोलें बल्कि मुंह छिपाकर सांप सूंघने जैसी मुद्रा से इस जघन्य अपराध पर भी चुपचाप नंगी आंखों से देख रही हैं, अगर यह कृत्य आदिवासियों की स्त्रियों के साथ न होकर किसी किसी ओर जाति की स्त्रियों के साथ कृत्य होता तो शायद देश में विरोध की आग पूरे विश्व भर में सुनाई देने लगती। किंतु हम आदिवासियों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक समस्याओ का लाभ उठाकर कुछेक धर्म के ठेकेदार इन घृणित अत्याचार को बढ़ावा दे रहे है और हमारा समाज चुपचाप है जैसे कुछ हुआ ही नहीं है। अरे महान इतिहास में दर्ज समाज जाग जाओ वरना अगला नंबर पता नहीं किसी का भी हो सकता है
मणिपुर दर्दनाक घटना / Manipur Dardnaak Ghatna नहीं वह एक जघन्य अपराध
कुंठित मन व्यथा से जब इस जघन्य अपराध के बारे में आप सोंचेंगे तो लगेगा, इंसानियत का पाठ पढ़ाने वाले, अनेकों बुद्धिजीवी इस घटना पर कुछ न बोले और न ही नए कदम उठाने का सुझाव दिया छिपे है अपने अपने घरों में।
मनुष्यता को शर्मसार करने वाली यह घटना, वर्तमान समय की सबसे बड़ी त्रासदी है और यह त्रासदी देश के लिए घातक साबित होने की ओर अग्रसर है।
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मणिपुर दर्दनाक घटना / Manipur Dardnaak Ghatna: मन मस्तिष्क को झकझौर करने वाली घटना को इस प्रकार सहन कर देखने वाला व्यक्ति भी अपराधी कहलाता है, क्योंकि उसकी चुप्पी नये अपराध को बढ़ावा देती है और फिर इस प्रकार की घटना होने में देर नही लगती है।
निर्वस्त्र होती इंसानियत में बहुत कुछ देख लिया अब और सहन नही हो सकता, मन कुंठित है, व्यथित है। अपनी कलम से हजारो श्राप लिखने का मन कर रहा है, और यह श्राप उन निकक्मों की फोज को अंजाम तक पहुचाने के साथ, इंसानियत की इस लज्जा को सहन करने में असमर्थ हो रहे हैं।
आँखों से आसुओं को झलकने से रोक पा रहे हैं और असमर्थ भी हो रहे हैं ।
मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान
प्रधानमंत्रा नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई गैंगरेप की घटना को शर्मनाक बताया है। साथ ही उन्होंने कठोर कार्रवाई की बात भी कही है। संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत से पहले आज मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया है। उसने केंद्र और राज्य सरकार से सवाल पूछा है।
पीएम मोदी ने कहा, “मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है । गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को ओर मजबूत करें। खासतौर पर हमारी माताओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाए। “
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मणिपुर घटना की विडियो :-
मणिपुर घटना में गिरफ्तारी
मणिपुर पुलिस ने शनिवार को बताया कि महीने भर पुरानी वायरल वीडियो मामले में आज दो गिरफ्तारी हुई हैं। पांचवें गिरफ्तार आरोपी की पहचान युमलेमबेम मेइतेई (19) के रूप में हुई है। इस पर दोनों महिलाओं के यौन उत्पीड़न का आरोप है। मणिपुर पुलिस पहले गिरफ्तार किए चारों आरोपियों से अन्य लोगों की जानकारी ले रही है। गुरुवार को गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी समेत चार लोग 11 दिन की पुलिस रिमांड पर हैं। सूत्रों के मुताबिक इन चारों से पूछताछ के आधार पर ही शनिवार को दोनों गिरफ्तारियां हुई हैं
दुष्कर्म की घटना के संबंध में दर्ज हुई एफआईआर
एक अलग घटना में एक आदिवासी महिला ने सैकुल थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि 4 मई को उसकी 21 वर्षीय बेटी और उसकी 24 साल की एक सहेली के साथ भी भीड़ने घर में घुसकर सामूहिक दुष्कर्म किया। दुष्कर्म के बाद उन लोगों ने दोनों की निर्मम हत्या कर दी। महिला ने कहा, वे दोनों एक कार वॉशिंग स्टेशन पर केयरटेकर के रूप में काम करती थीं और उनके शव अभी तक बरामद नहीं हुए हैं। पुलिस ने विभिन्न धाराओं में जीरो एफआईआर दर्ज की है हालांकि इसमें यौन उत्पीड़न शामिल नहीं किया गया है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाला भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन इंडिया प्रधानमंत्री से सदन के अंदर मणिपुर हिंसा पर बयान देने की मांग कर रहा है। गौरतलब है कि मणिपुर में 3 मई को जातीय झड़पें भड़क उठीं और तब से अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है, जबकि हजारों लोगों को राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। मणिपुर में भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का 4 मई 2023 का वीडियो 19 जुलाई 2023 को वायरल हो गया, इसकी पूरे देश में व्यापक निंदा हुई।
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