आई फ्लू (Eye Flu) क्या है ?
“आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस और पिंक आई भी कहा जाता है, आम लोगों की भाषा में इसे आंख आना भी कहते हैं।“
हर जगह सुनने में आ रहा है आंखों में इन्फेक्शन ( Eye Flu ) की वजह से लोगों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जी हाँ अगर आपको भी इस मौसम में आंखों में लालिमा, दर्द, खुजली और सूजन की समस्या हो रही है, तो हल्के में न लें। तुरंत ही डॉक्टर से परामर्श लेवे, क्योकिं ये लक्षण आई फ्लू का संकेत हैं। आई फ्लू को मेडिकल भाषा में कंजंक्टिवाइटिस और पिंक आई भी कहा जाता है। आम लोगों की भाषा में इसे आंख आना भी कहते हैं। आई की वजह से हर साल लाखों लोग प्रभावित होते हैं। इस बीमारी में सही समय पर बचाव और इलाज नहीं मिलने की वजह से आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचता है.
Eye Flu: आई फ्लू के लक्षण:-
आंखों में दर्द, सूजन और लालिमा जैसी परेशानियां होती हैं। इसकी वजह से आंखों से पानी बहने लगता है। संक्रमण बढ़ने पर मरीज को देखने में परेशानी हो सकती है।
Eye Flu: आई फ्लू से कैसे बचें
हमें साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित रूप से हाथ को साबुन से धोने पर आप संक्रमण का शिकार होने से बच सकते हैं। ज्यादातर लोगों में यह संक्रमण हाथों के जरिए ही फैलता है। गंदे हाथ से आंखों को छूने से बचना चाहिए। इसके अलावा कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की चीजों को दूसरे के साथ शेयर न करें। अगर आप सार्वजानिक जगहों पर जाते हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दरवाजों के हैंडल, या किसी भी सतह को छूने से बचें। अगर आप इन चीजों को छूते हैं, तो हाथों को साबुन से साफ करें। इसके अलावा आई फ्लू से बचने के लिए आंखों पर काला चश्मा या सनग्लास लगाएं।
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दिल्ली-नोएडा के बच्चों की आंखें लाल
दिल्लीवालों की आंखें लाल होने लगी हैं। जी हां, ‘आई फ्लू’ तेजी से फैल रहा है। यह आंखों का संक्रमण होता है जिसे लोग कंजक्टिवाइटिस के नाम से भी जानते हैं। दिल्ली और एनसीआर में बड़े ही नहीं, बच्चे भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। दिल्ली के अस्पताल में आई फ्लू के मामले कई गुना बढ़ गए हैं। एम्स में हर रोज आई-इमर्जेंसी में आंखों के संक्रमण के 100 मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैंदिल्ली समेत देश के ज्यादातर हिस्सों में बारिश का दौर जारी है। लगातार होती बारिश की वजह से जहां जल भराव की समस्या होने लगी है तो वहीं देश के कई हिस्सों आई फ्लू के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे हैं। ऐसे में आई फ्लू के मामलों में होती बढ़ोतरी की वजह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट ने बात की।
वायरल इन्फेक्शन है. अभी तक यह पक्षियों से पक्षियों में फैलता था लेकिन अब इंसानों में इसका मामला मिला है. यह ज्यादातर पक्षियों के लिए जानलेवा होता है.
तेजी से लोगों में फैलता है। एक भ्रांति है कि जिसकी आंख आई है उसे देख लेंगे तो दूसरा शख्स भी संक्रमित हो जाएगा। ऐसा नहीं है। डॉक्टरों के मुताबिक आई फ्लू देखने से नहीं, छूने से फैलता है। हाथ में वायरस चिपक जाता है और जब आप आंखों को छुएंगे या कीचड़ साफ करेंगे तो आई फ्लू फैल जाता है। डॉक्टर का कहना है कि इस बार देखा जा रहा है कि बच्चों में आई फ्लू ज्यादा फैल रहा है
Eye Flu: आई फ्लू से बचाव कैसे करें?
- अपने आसपास सफाई रखें.
- पीड़ित व्यक्ति से आई कांटेक्ट बनाने से बचें.
- अगर बाहर जाना ज्यादा जरूरी है तो काला चश्मा पहन कर जाएं.
- अपनी आंखों को समय-समय पर धोएं.
- थोड़े-थोड़े समय पर अपने हाथों की सफाई करें.
- आंखों को बार-बार न छुएं.
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आई फ्लू कितने दिन में ठीक होता है?
5 से 10 दिन का समय लग सकता है।
आंख फ्लू की दवा क्या है?
ओफ़्लॉक्सासिन / सिप्रोफ्लोक्सासिन / क्लोरैम्फेनिकॉल / टोब्रामाइसिन आईड्रॉप्स दिन में 3-4 बार, डिकॉन्गेस्टेंट आईड्रॉप्स जैसे मेज़ोल दिन में 2-3 बार शामिल हैं. ” डॉक्टर की सलाह जरुर ले”
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आंखों का ये वायरस बच्चों को जल्द ही अपनी जद में लेता है। यही वजह है कि बच्चों की सेहत का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। आई फ्लू से बच्चों को कैसे बचाएं? इस संबंध में डॉक्टर वनुली बाजपेयी ने जरूरी टिप्स दिए हैं। वनुली बाजपेयी देश की जानी-मानी आई स्पेशलिस्ट हैं। उन्हें हेल्थ के क्षेत्र में कम से कम 15 साल का अनुभव है।
लोग इससे काफी परेशान हैं। बड़ों के साथ बच्चे भी आंखों के इस संक्रमण की चपेट में हैं। मध्य प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग ने आई फ्लू बीमारी को लेकर अलर्ट जारी कर दिया है। इंदौर में भी आई फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे है। अलग-अलग अस्पतालों में 100 से ज्यादा केस रोजाना सामने आ रहे हैं
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आई-फ्लू के संचरण को रोकने के लिए हाथों को साफ रखना सबसे आवश्यक है। अपनी आंखों को गंदे हाथों से छूने से बचें, क्योंकि इससे आंखों में वायरस पहुंच सकता है। हैंड सैनिटाइजर की मदद से हाथों की साफ-सफाई करते रहें, विशेषतौर पर सार्वजनिक सतहों को छूने के बाद हाथों को साफ करना बहुत आवश्यक होता है।
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Eye Flu: आई फ्लू को लेकर घबराएं नहीं
प्रभावित मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आईफ्लू की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आते हैं. सभी स्कूल कॉलेज भी सतर्क रहें. यदि किसी बच्चे को आंखों का संक्रमण है. तो उसे अवकाश प्रदान करें. स्वस्थ्य बच्चों से उससे दूर बैठाएं. नेत्र रोग विशेषज्ञ आईफ्लू के मरीजों को अलग कमरे में देख सकते हैं. मरीजों को इलाज के साथ सावधानी भी जरूर बताएं.
बरसात के मौसम में आंखों का इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. दिल्ली-एनसीआर में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना,आंखों का गुलाबी होना या पिंक आई भी कहते हैं.ये बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। हालांकि, बच्चों, एलर्जिक पेशेंट, बुजुर्ग और वीक इम्यूनिटी वाले लोगों में इससे पीड़ित होने के चांस अधिक रहते हैं।
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