Independence Day History – 15 अगस्त ,सन् 1947 को भारत को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी मिली थी | जिसके बाद भारत एक राष्ट्र और एक स्वतंत्र देश बन गया । यह दिन हर भारत देशवासी के लिए गर्व का दिन होता है | यह दिन भारत में रहने वाले हर एक व्यक्ति के लिए बहुत खास दिन होता है। इस दिन भारत की आजादी का जश्न मनाया जाता है | साथ ही इस दिन आजादी दिलाने में अपनी जान देने वाले महान क्रांतिकारियों, वीरों को याद किया जाता है |
Independence Day History
Independence Day History – यह दिन भारत के लिए बहुत खास होता है | हम आप को बता दें , कि भारत ने अपना पहला स्वतंत्रता दिवस , सन् 1947 में मनाया गया था | और इसीलिए इस साल 78 वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाना चाहिए, लेकिन आधिकारिक तौर पर इस साल 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जा रहा है। क्योकि इस दिन भारत अंग्रेज़ो की गुलामी से आज़ाद हुआ था |
Independence Day History – देश को अंग्रेजो की गुलामी से 14 अगस्त 1947 में मध्य रात्रि में मिली थी। 14 अगस्त की रात 12 बजकर 1 मिनट पर देश की आजादी की घोषणा रेडियो से की गई। जिसके बाद यह दिन देश के हर एक नागरिक के लिए बहुत खास हो गया। इसके साथ ही इस दिन 15 अगस्त को देश का हर नागरिक चाहे वो बुजुर्ग हो बच्चे हो या फिर युवा सभी एक समान उत्साह से मनाते हैं।
Independence Day History – आज के दिन देशवासियों के चेहरे पर जो खुशियों की रौनक होती है, वह सबसे अद्भूत और कीमती है। और हो भी क्यों ना, हम अपने जीवन में यह आज़ादी का दिन मना सके | इस आज़ादी के लिए ना जाने कितने ही देशभक्तों ने जान गंवा दी। हमें आजादी दिलाने के लिए कई मातों की गोद सुनी हो गई। कई बहने अपनी भाई की कलाईयों पर राखी ना बांध सकी। देश के वीर जवानों की बलिदान की गथा बच्चों बच्चों की जुबान पर रहती है।
Independence Day History – देश में स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है | यह दिन भारत देश की खुशियों का दिन है | यही वजह खास है , कि इस दिन को भारत में बहुत ही धूम-धाम और हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस साल प्रवक्ता ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘स्वतंत्रता दिवस 2024 की थीम ‘विकसित भारत’ है, जो की सन् 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र में बदलने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
Independence Day History – इस दिन हमारे देश के वीर जवानों की बलिदानो को याद किया जाता है। इस समय पूरे देश में तरह-तरह के कार्यक्रमो को आयोजित किया जाता हैं | जिसे देशभर में आज़ादी का झंडा फहरा कर, मिठाईया जैसे – लड्डू- जलेबियां बांटकर इस दिन को बेहद धूमधाम से मनाया जाता है | लेकिन आपको पता है , की आखिरकार 15 अगस्त की ही तारीख भारत को आजाद करने के लिए क्यों चुनी गई, इसकी वजह बहुत ही खास है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से ।
15 अगस्त (Independence Day History) का दिन ही क्यों चुना गया , भारत की आजादी के लिए क्या थी ,इसकी सबसे खास वजह विस्तार से जाने ?
Independence Day History
(highlights)
(1) ब्रिटिश शासन से मुक्ति का ऐलान 14 अगस्त, सन्1947 को ही क्यों हुआ था ?
(2) 14 अगस्त और 15 अगस्त की दरम्यानी रात को ही तत्कालीन भारतीय संसद क्यों बैठी ?
(3) भारत को स्वतंत्रता 15 अगस्त को मिली, फिर भी आधी रात में घोषणा क्यों हुई ?
(4) ज्योतिषियों के द्वा क्यों किया गया था ,ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का हवाला ?
(5) फिर माउंटबेटन ने हमेशा के लिए क्यों ले ली थी , यह सीख ?
(6) किस प्रकार से तिरोहित होने लगे, महात्मा गांधी के विचार ?
Independence Day History – हम आप को बता दे , कि जब भारत आजाद हुआ था | तब भारत की 500 से ज्यादा रियासतों का भविष्य भी नए देशों पर छोड़ दिया गया था | इन रियासतों को भारत और पाकिस्तान में से किसी एक को चुनना था | कई रियासतें 15 अगस्त , सन् 1947 से पहले भारत या फिर पकिस्तान का हिस्सा बन गई | और कई रियासत आजादी के बाद भी किसी भी देश में शामिल नहीं हुई |
Independence Day History – भारत में आज 15 अगस्त 2024 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। इस दिन प्रधानमंत्री देशवासियों को लाल किले से संबोधित करते हैं , और इसके साथ झंडा फहराते हैं। आज देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले वीर जवानों को सम्मानित भी किया जाएगा। 15 अगस्त के दिन पूरे देश में देशभक्ति से ओतप्रोत कार्यक्रमो को आयोजित किया जाता हैं | और इसके साथ फ्लैग होस्टिंग भी की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं , कि आखिर 14, 16 या फिर 20 भी नहीं, आखिर 15 अगस्त की तारीख ही आजादी के दिवस के लिए क्यों को चुनी गई ? आइए जानते हैं इससे जुड़े रोचक इतिहास के बारे में |
भारत की (Independence Day History) परिस्थितियों के बारे में माउंटबेटन के द्वारा तय की गई तारीख़े
Independence Day History
Independence Day History – स्वतंत्र भारत के पहले भारतीय गवर्नर जनरल (सी राजगोपालाचारी) ने कहा | कि दिन को इसलिए बदला गया, क्योंकि माउंटबेटन को यह सुनिश्चित करना था | कि उस दिन कोई खून ख़राबा , या कोई दंगा , या फिर किसी भी प्रकार की हिंसा न हो | गवर्नर जनरल सी राजगोपालाचारी ने कहा , कि अगर लॉर्ड माउंटबेटन ने ,सन् 1948 तक इंतजार किया होता | तो फिर सत्ता को स्थानांतरित करने के लिए नहीं छोड़ा जाता | इसलिए माउंटबेटन ने तारीख को अगस्त ,सन् 1947 में स्थानांतरित कर दिया |
Independence Day History – माउंटबेटन द्वारा दी गई समीक्षा के अनुसार 4 जुलाई, सन् 1947 को ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम को पेश किया गया था | 18 जुलाई ,सन् 1947 को भारत स्वतंत्रता अधिनियम ,सन् 1947 को शाही स्वीकृति दी गई और साथ ही इसे लागू भी किया गया | 15 अगस्त ,सन् 1947 को भारत में ब्रिटिश शासन के अंत , भारत और पाकिस्तान के डोमिनियन की स्थापना का प्रावधान भी किया | जिन्हें ब्रिटिश राष्ट्रमंडल से अलग होने के लिए अनुमति दी गई थी |
Independence Day History – और इस अधिनियम के सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान यह थे | कि ब्रिटिश भारत को पाकिस्तान और भारत दो पूरी तरह से संप्रभु प्रभुत्व में विभाजित किया जाएगा | और इसी के साथ यह 15 अगस्त,सन् 1947 से लागू होगा | पाकिस्तान द्वारा जारी किए गए , पहले डाक टिकट में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में उल्लेख किया गया था |
Independence Day History – पाकिस्तान के पहले स्वतंत्रता दिवस को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल जिन्ना ने कहा | “15 अगस्त पाकिस्तान के स्वतंत्र और संप्रभु राज्य का जन्मदिन है | और यह उस मुस्लिम राष्ट्र की नियति की पूर्ति का प्रतीक है | जिसने अपनी मातृभूमि के लिए पिछले कई सालो में महान बलिदान दिए हैं | ” सन् 1948 में, पाकिस्तान ने 14 अगस्त को अपना पहला स्वतंत्रता दिवस बनाया |
30 जून (Independence Day History) को ही हो गया था , देश आजाद –
Independence Day History – ब्रिटिश शासन से भारत 30 जून ,सन् 1948 को ही आजाद हो गया था। 30 जून को ही अंग्रेज़ो ने भारत को सत्ता सौंप दी थी। लेकिन उसी समय नेहरू और जिन्ना के बीच भारत और पाकिस्तान के बीच बटवारे का मुद्दा शुरू हुआ। इस समय मोहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान की मांग कर दी। यह मुद्दा लोगों के बीच में सांप्रदायिक भावना के झगड़े की ओर ले जा रहा था। भारत की आजादी के बाद हिन्दू और मुस्लिम दंगों के कारण भारत एवं पाकिस्तान अलग होकर दो स्वतंत्र-उपनिवेश बने | जिन्होंने ब्रिटिश कॉमनवेल्थ के तहत रहना स्वीकार किया | और इसी के साथ मोहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के प्रथम गवर्नर जनरल बने | जबकि पंडित जवाहर लाल नेहरु आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने | इस वजह से देश को 15 अगस्त ,सन् 1947 को ही आजाद कर दिया गया।
15 अगस्त (Independence Day History) का दिन ही क्यों चुना गया , भारत की आजादी के लिए क्या थी ,इसकी सबसे बड़ी वजह ?
Independence Day History
ज्योतिषियों के द्वारा (Independence Day History) किया गया था ,ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति का हवाला –
Independence Day History – लॉर्ड लुईस माउंटबेटन ने जब भारत देश को आजाद करने के लिए 15 अगस्त के दिन की घोषणा की | तो देश भर के ज्योतिषियों में आक्रोश पैदा हो गया | क्योंकि ज्योतिषीय गणना के अनुसार 15 अगस्त ,सन् 1947 का दिन अशुभ और अमंगलकारी था। वहीं आज़ादी के विकल्प के तौर पर दूसरी तिथियां भी सुझाई गईं | लेकिन माउंटबेटन 15 अगस्त की तारीख पर ही अड़े रहे | क्योंकि यह उनके लिए एक बहुत खास तारीख थी। आखिरी समस्या का हल निकालते हुए ज्योतिषियों ने बीच का रास्ता निकाला। फिर 14 अगस्त और 15 अगस्त की मध्यरात्रि का समय सुझाया और इसके पीछे अंग्रेजी समय का ही हवाला दिया गया।
Independence Day History – अंग्रेजी परंपरा में रात 12 बजे के बाद नया दिन शुरू होता है। और इसी के साथ वहीं हिंदी गणना के अनुसार नए दिन का आरंभ सूर्योदय के साथ होता है। इसी उपाए के साथ इस समस्या का हल किया गया | और साथ ही देश की आजादी की घोषणा 14 अगस्त को मध्यरात्रि में 12 बजतक 1 मिनट पर कर दिया गया । जिसके बाद अगले दिन सुबह प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किला पर झंडा फहराया । इसके बाद से देश के प्रधानमंत्री हर साल 15 अगस्त को लाल किले पर झंडा फहराते हैं ,और देशवासियों को संबोधित करते हैं।
15 अगस्त (Independence Day History) के दिन इसलिए चुना गया , भारत की आजादी का दिन –
Independence Day History
Independence Day History – क्या आप जानते है , कि भारत का अंतिम वायसराय लॉर्ड लुईस माउंटबेटन था। माउंटबेटन ने ही भारत को आजाद करने की घोषणा की बताया जाता है | कि इस दिन को वे अपने कार्यकाल के लिए बहुत सौभाग्यशाली मानते थे।। वहीं लॉर्ड माउंटबेटन ने अपने निजी कारणों के कारण से भारत की स्वतंत्रता के लिए 15 अगस्त को चुना था।
Independence Day History – कई रिपोर्ट्स में बताया जाता है , कि 15 अगस्त ,सन् 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध खत्म हुआ था | और ब्रिटिश आर्मी के सामने जापानी सेना आत्मसमर्पण कर दिया था। उस वक्त ब्रिटिश की सेना में लार्ड लुईस माउण्टबेटन अलाइड फोर्सेज़ में कमांडर थे । ऐसे में वह इस दिन को बहुत खास मानते थे। यही वजह थी , आखिरी वायसराय लार्ड लुईस माउण्टबेटन ने इस दिन को भारत की आजादी का दिन चुना। डॉमिनिक लैपियर और लैरी कॉलिंस की पुस्तक फ्रीडम एट मिडनाइट, हिंदी में आधी रात को आजादी के नाम से प्रकाशित हुई है।
Independence Day History – इस पुस्तक में बताया गया है , कि आखिर 14 अगस्त की आधी रात को ही भारत को एक स्वतंत्र राष्ट्र घोषित क्यों किया गया। ज्योतिषियों का मानना था कि किसी राष्ट्र को स्वतंत्रता दिए जाने जैसा पवित्र कार्य के लिए 15 अगस्त का दिन शुभ नहीं है। उन्होंने बताया कि ग्रह – नक्षत्र की स्थितियों के लिहाज से 15 अगस्त को इतना महत्वपूर्ण काम नहीं किया जा सकता है। उन्होंने ही बताया कि अगर 15 अगस्त की तारीख ही तय है तो इसका विकल्प निकाला जा सकता है। पुस्तक में साथ में यह भी कहा गया है | “भारतीय ज्योतिषियों के आग्रह के सामने भी वायसराय लॉर्ड लुइस माउंटबेटन को झुकना पड़ा | “
Independence Day History – इसलिए लेखक कहते हैं, “किसी भी राष्ट्र के आधुनिक इतिहास का प्रारम्भ 15 अगस्त को करना कभी भी उचित नहीं रहेगा । इस चेतावनी को बार-बार दोहरा रहे ज्योतिष ने यह कहा था | और ज्योतिषियों ने आखिर जो एक बीच का रास्ता सुझाव दिया था , उनके अनुसार 14 अगस्त के दिन सितारों की स्थिति 15 अगस्त की तुलना में काफी बेहतर थी। लिहाजा, 14 अगस्त ,सन् 1947 की ठीक आधी रात को यदि भारत और पाकिस्तान नाम के दोनों राष्ट्रों को आजाद किया जाए , तो यह हर दृष्टि से बेहतर साबित होगा । ज्योतिषियों के सुझाए इस विकल्प से वायसराय लॉर्ड लुइस माउंटबेटन ने राहत की सांस ली और तुरंत उनका यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया ।”
Independence Day History – भारत की आजादी को लेकर 4 जुलाई ,सन् 1947 को लॉर्ड लुईस माउण्टबेटन द्वारा ब्रिटिश हाउस ऑफ कॉमन्स में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल पेश किया गया था । इस बिल को ब्रिटिश संसद द्वारा तुरंत मंजूरी दे दी गई | और 15 अगस्त , सन् 1947 के दिन भारत को आजादी देने की घोषणा कर दी गई। लेकिन आजादी के लिए इस दिन को चुनने में लॉर्ड लुईस माउंटबेटन को एक और बड़ी रुकावट का सामना करना पड़ा ।
15 अगस्त (Independence Day History) का दिन ही क्यों चुना गया , भारत की आजादी के लिए ?
Independence Day History
फिर माउंटबेटन (Independence Day History) ने हमेशा के लिए ले ली थी यह सीख –
Independence Day History – वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर जनरल भी बने। लॉर्ड माउंटबेटन को इस घटना से एक बात का अहसास हो गया | कि हर बडे़ कार्य से पहले ज्योतिषियों की राय जरूर ली जाए। फिर उन्हें पता चला कि उनके स्टाफ मेंबर में कोई ऐसा है ही नहीं | जिसे ज्योतिष विद्या का थोड़ा सा भी ज्ञान नहीं था | फिर उन्होंने अपने प्रेस अताशे को इसकी जिम्मेदारी भी दे दी।
Independence Day History – और आधी रात को आजादी में दोनों लेखक आगे कहते हैं , “वायसराय ने मन्द मुस्कान के साथ “ यह भी नोट किया था | कि ज्योतिष विद्या पर उन्हें सही सलाह देने के लिए स्टाफ में उचित प्रबंध नहीं है। उन्होंने अपने सुयोग्य, नौजवान प्रेस सलाहकार एलन कैम्पबेल जॉनसन को अन्य जिम्मेदारियों के साथ यह जिम्मेदारी भी सौंपी | कि महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए हमेशा ज्योतिषियों से मशविरा कर लिया जाए ।
जिसके बाद से तिरोहित होने लगे, महात्मा गांधी के विचार –
Independence Day History – पुस्तक में इससे आगे की जो पंक्तियां हैं , उससे यह पता चलता है | कि कैसे भारत आजाद होते-होते महात्मा गांधी के आदर्शों से उनके शिष्य ही मुक्त होने लगे थे। लेखक कहते हैं , कि “आजादी ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही थी ” | महात्मा गांधी की छत्रछाया में पले सभी नेताओं को महसूस होने लगा | कि महात्मा जी की बातें अवैज्ञानिक और देहाती हैं ।
Independence Day History – और वे भारत को भविष्योन्मुखी बनाने की अपेक्षा अतीत पर सम्मोहन की स्थिति में डाल रही हैं। और वे नेतागण चरखे को भारतीय देहात का जागरण चिह्न न मानकर, उसे ‘‘गांधी जी का खिलौना” कहने लगे थे। महात्मा गांधी जी के एतराज की उपेक्षा करके उन्होंने भारत के राष्ट्रीय झण्डे के मध्य से चरखे को हटा दिया था। और इसके साथ सम्राट अशोक के युगल सिहों के बीच फंसे धर्म चक्र को राष्ट्रीय झण्डे के बीच जगह दी थी | ताकि अशोक जिस शक्ति और आधिपत्य का स्वामी था | उसकी संकेत किरणें राष्ट्रीय झण्डे से फूट सकें । “
Independence Day History – और इसके आगे कहा गया है, “गांधी शक्ति और आधिपत्य के प्रचारक नहीं थे। उनके अनुसार, ये दोनों तत्व मनुष्य को हिंसा और पतन की ओर ले जाते हैं। वह तो आत्म जागरण और त्याग के प्रचारक थे। उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रीय झण्डा देखने में चाहे कितना ही कलात्मक क्यों न लगता हो; उसमें हिंसा का जो सन्देश छिपा है | और उसके आगे मैं नतमस्तक कैसे होऊंगा ? उन्हीं के द्वारा पोषित नेताओं और उनके बीच मतभेदों की अभी तो वह शुरुआत ही थी।”
1 comment on “Independence Day History – 15 अगस्त का दिन ही क्यों चुना गया , भारत की आजादी के लिए क्या थी इसकी सबसे खास वजह ?”