Independence Day Poem In Hindi- इस साल 2024 में , 15 अगस्त आने ही वाला है , और इस खास मौके पर Sarkaripostfind . com आपके लिए हिंदी में दिल छू लेने वाली अगस्त के लिए कविताये लेकर आया है | स्वतंत्रता दिवस के किसी कर्यक्रम में अगर आप भी अगस्त पर कविता सुनना चाहते है , तो नीचे दी गई 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर इन कविताओं को पढ़कर याद कर सकते है |
Independence Day Poem In Hindi
Independence Day Poem In Hindi – इस साल देश की आज़ादी के 78 साल पुरे हो जयेंगे | देश प्रेम की भावना को हर भारतवासी के दिल में ज़िंदा और उसमे उफान लाने में देश के कवियों और उनकी कविताओं की अहम् भूमिका है | कवियों के द्वारा लिखी गई ओजपूर्ण कविताए आज भी लोगो की रंगो में जोश भर देती है |
15 अगस्त (Independence Day Poem In Hindi) 2024 स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों के लिए सबसे शानदार कविताएँ –
Independence Day Poem In Hindi – 15 अगस्त 2024 में देशभक्ति एवं आज़ादी हिंदी कविताओं के साथ सभी छात्र और छात्राएं अपनी जान से प्यारी मातृभूमि की आजादी का जश्न जोरों शोरों के साथ मना सकते हैं।
Independence Day Poem In Hindi – नीचे दी गयी स्वतंत्रता दिवस की आज़ादी की कविताएँ स्कूल जाने वाले छोटे बच्चों के अनुकूल हैं , जैसे की क्लास 1, 2, 3, 4, 5 में पढ़ने वाले बच्चों को यह कविताएँ सरल व् आसानी से याद हो सकती हैं |
आदरणीय प्रिंसिपल , और मेरे गुरुजनो और मेरे प्यारे दोस्तों |
Independence Day Poem In Hindi – आज स्वतत्रंता दिवस के मौके पर सभी महान स्वतत्रंता सेनानियों को और आप सभी गुरुजनो को नमन करता हूँ | और अपनी एक छोटी सी कविता एवं छोटा सा गीत प्रस्तुत करना चाहता हुँ / चाहती हुँ
1.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – मीनाक्षी भालेराव
हम बच्चे मतवाले हैं |
हम चाँद को छूने वाले हैं ||
जो हम से टकराएगा |
कभी ना वो बच पाएगा ||
हम भारत माता के प्यारे |
देश के राज दुलारे हैं ||
आजादी के रखवाले हम |
नये युग का आगाज हम ||
देश का नाम सदा करेंगे |
तिरंगे की शान रखेंगे ||
अपना जीवन हम सब |
देश के नाम करेंगे ||
हम बच्चे मतवाले है |
हम चाँद को छूने वाले हैं ||Independence Day Poem In Hindi
Independence Day Poem In Hindi
2.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – मुहम्मद इक़बाल
सारे जहाँ से अच्छा |
हिंदुस्तान हमारा ||
हम बुलबुलें हैं उसकी |
वो गुलसिताँ हमारा ||
परबत वो सबसे ऊँचा |
हमसाया आसमाँ का ||
वो संतरी हमारा |
वो पासबाँ हमारा ||
गोदी में खेलती हैं |
जिसकी हज़ारों नदियाँ ||
गुलशन है जिनके दम से |
रश्क-ए-जिनाँ हमारा ||
मज़हब नहीं सिखाता |
आपस में बैर रखना ||
हिंदी हैं हम वतन है |
हिंदुस्तान हमारा ||Independence Day Poem In Hindi
3.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – श्यामलाल गुप्त पार्षद
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा |
झंडा ऊँचा रहे हमारा ||
सदा शक्ति बरसाने वाला |
प्रेम सुधा सरसाने वाला ||
वीरों को हर्षाने वाला |
मातृभूमि का तन-मन सारा ||
झंडा ऊँचा रहे हमारा।
स्वतंत्रता के भीषण रण में ||
लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में |
काँपे शत्रु देखकर मन में ||
मिट जाये भय संकट सारा |
झंडा ऊँचा रहे हमारा ||
इस झंडे के नीचे निर्भय |
हो स्वराज जनता का निश्चय ||
बोलो भारत माता की जय |
स्वतंत्रता ही ध्येय हमारा ||
झंडा ऊँचा रहे हमारा |
आओ प्यारे वीरों आओ ||
देश-जाति पर बलि-बलि जाओ |
एक साथ सब मिलकर गाओ ||
प्यारा भारत देश हमारा |
झंडा ऊँचा रहे हमारा ||
इसकी शान न जाने पावे |
चाहे जान भले ही जावे ||
विश्व-विजय करके दिखलावे ||
तब होवे प्रण-पूर्ण हमारा ||
झंडा ऊँचा रहे हमारा।Independence Day Poem In Hindi
4.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – अज्ञात
नन्हे – नन्हे प्यारे – प्यारे, गुलशन को महकाने वाले |
सितारे जमीन पर लाने वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के ||
नए जमाने के दिलवाले, तूफ़ानो से ना डरने वाली |
कहलाते हैं हिम्मत वाले, हम बच्चे है हिंदुस्तान के ||
चलते है हम शान से, बचाते हैं हम द्वेष से |
आन पे हो जाएँ कुर्बान, हम बच्चे है हिंदुस्तान के ||Independence Day Poem In Hindi
15 अगस्त (Independence Day Poem In Hindi) 2024 स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों के लिए सबसे मजेदार और आसान कविताएँ –
5.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – डॉ परशुराम शुक्ला
भारत माँ के अमर सपूतो, पथ पर आगे बढ़ते जाना |
पर्वत, नदिया और समन्दर, हंस कर पार सभी कर जाना ||
तुममे हिमगिरी की ऊँचाई सागर जैसी गहराई है |
लहरों की मस्ती और सूरज जैसी तरुनाई है तुममे। ||
भगत सिंह, राणा प्रताप का बहता रक्त तुम्हारे तन में |
गौतम, गाँधी, महावीर सा रहता सत्य तुम्हारे मन में ||
संकट आया जब धरती पर तुमने भीषण संग्राम किया |
मार भगाया दुश्मन को फिर जग में अपना नाम किया ||
आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना |
भारत के उन्नत ललाट को जग में ऊँचा और उठाना ||Independence Day Poem In Hindi
Independence Day Poem In Hindi
6.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – अज्ञात
मेरे भारत की महिमा तो,सभी देवों ने मानी है |
तभी तो जन्म लेने की, इसी भूमीं पर ठानी है ||
यहां श्री राम की मर्यादा , महाभारत की कहानी है |
तो आयें साथ मिलकर सब, हमें संस्कृति बढ़ानी है ||
महात्मा बुद्ध से त्यागी, महावीर से ज्ञानी है |
यशोधरा का विरह है तो,पन्ना की कुर्बानी है ||
करु वर्णन मैं भारत का तो कम लगती कई सदियां |
यहां पुरुषों में नारायण,नारी में भवानी है ||Independence Day Poem In Hindi
7.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – माखनलाल चतुर्वेदी
प्यारे भारत देश |
प्यारेभारत देश ||
गगन-गगन तेरा यश फहरा |
पवन-पवन तेरा बल गहरा ||
क्षिति-जल-नभ पर डाल हिंडोले |
चरण-चरण संचरण सुनहरा ||
ओ ऋषियों के त्वेष |
प्यारे भारत देश। ||
वेदों से बलिदानों तक जो होड़ लगी |
प्रथम प्रभात किरण से हिम में जोत जागी ||
उतर पड़ी गंगा खेतों खलिहानों तक |
मानो आँसू आये बलि-महमानों तक ||
सुख कर जग के क्लेश |
प्यारे भारत देश। ||
तेरे पर्वत शिखर कि नभ को भू के मौन इशारे |
तेरे वन जग उठे पवन से हरित इरादे प्यारे ||राम-कृष्ण के लीलालय में उठे बुद्ध की वाणी |
काबा से कैलाश तलक उमड़ी कविता कल्याणी ||
बातें करे दिनेश |
प्यारे भारत देश ||
जपी-तपी, संन्यासी, कर्षक कृष्ण रंग में डूबे |
हम सब एक, अनेक रूप में, क्या उभरे क्या ऊबे ||
सजग एशिया की सीमा में रहता केद नहीं |
काले गोरे रंग-बिरंगे हम में भेद नहीं ||
श्रम के भाग्य निवेश |
प्यारे भारत देश ||
वह बज उठी बासुँरी यमुना तट से धीरे-धीरे |
उठ आई यह भरत-मेदिनी, शीतल मन्द समीरे ||
बोल रहा इतिहास, देश सोये रहस्य है खोल रहा |
जय प्रयत्न, जिन पर आन्दोलित-जग हँस-हँस जय बोल रहा ||
जय-जय अमित अशेष |
प्यारे भारत देश ||Independence Day Poem In Hindi
Independence Day Poem In Hindi
8.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – मनोज मुंतशिर
सरहद पे गोली खाके जब टूट जाए मेरी सांस |
मुझे भेज देना यारों मेरी बूढ़ी मां के पास ||
बड़ा शौक था उसे मैं घोड़ी चढूं |
धमाधम ढोल बजे ||
तो ऐसा ही करना |
मुझे घोड़ी पे लेके जाना ||
ढोलकें बजाना |
पूरे गांव में घुमाना ||
और मां से कहना |
बेटा दूल्हा बनकर आया है ||
बहू नहीं ला पाया तो क्या |
बारात तो लाया है ||
मेरे बाबूजी, पुराने फ़ौजी, बड़े मनमौजी |
कहते थे- बच्चे, तिरंगा लहरा के आना ||
या तिरंगे में लिपट के आना |
कह देना उनसे, उनकी बात रख ली ||
दुश्मन को पीठ नहीं दिखाई |
आख़िरी गोली भी सीने पे खाई ||
मेरा छोटा भाई, उससे कहना |
क्या मेरा वादा निभाएगा ||
मैं सरहदों से बोल कर आया था |
कि एक बेटा जाएगा तो दूसरा आएगा ||
मेरी छोटी बहना, उससे कहना |
मुझे याद था उसका तोहफ़ा ||
लेकिन अजीब इत्तेफ़ाक़ हो गया |
भाई राखी से पहले ही राख हो गया ||
वो कुएं के सामने वाला घर |
दो घड़ी के लिए वहां ज़रूर ठहरना ||
वहीं तो रहती है वो |
जिसके साथ जीने मरने का वादा किया था ||
उससे कहना |
भारत मां का साथ निभाने में उसका साथ छूट गया ||
एक वादे के लिए दूसरा वादा टूट गया |
बस एक आख़िरी गुज़ारिश ||
आख़िरी ख़्वाहिश |
मेरी मौत का मातम न करना |
मैने ख़ुद ये शहादत चाही है ||
मैं जीता हूं मरने के लिए |
मेरा नाम सिपाही है ||Independence Day Poem In Hindi
9.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – अटल बिहारी वाजपेयी
इंसान जहाँ बेचा जाता, ईमान ख़रीदा जाता है।
इस्लाम सिसकियाँ भरता है, डालर मन में मुस्काता है॥
भूखों को गोली नंगों को हथियार पिन्हाए जाते हैं।
सूखे कंठों से जेहादी नारे लगवाए जाते हैं॥
लाहौर, कराची, ढाका पर मातम की है काली छाया।
पख्तूनों पर, गिलगित पर है ग़मगीन गुलामी का साया॥
बस इसीलिए तो कहता हूँ आज़ादी अभी अधूरी है।
कैसे उल्लास मनाऊँ मैं? थोड़े दिन की मजबूरी है॥
दिन दूर नहीं खंडित भारत को पुन: अखंड बनाएँगे।
गिलगित से गारो पर्वत तक आज़ादी पर्व मनाएँगे॥
उस स्वर्ण दिवस के लिए आज से कमर कसें बलिदान करें।
जो पाया उसमें खो न जाएँ, जो खोया उसका ध्यान करें॥Independence Day Poem In Hindi
Independence Day Poem In Hindi
15 अगस्त (Independence Day Poem In Hindi) 2024 स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों के लिए सबसे शानदार और आसान कविताएँ –
10.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – बिस्मिल अज़ीमाबादी
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है |
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है ||
ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत मैं तिरे ऊपर निसार |
ले तिरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफ़िल में है ||
वाए क़िस्मत पाँव की ऐ ज़ोफ़ कुछ चलती नहीं |
कारवाँ अपना अभी तक पहली ही मंज़िल में है ||
रहरव-ए-राह-ए-मोहब्बत रह न जाना राह में |
लज़्ज़त-ए-सहरा-नवर्दी दूरी-ए-मंज़िल में है ||
शौक़ से राह-ए-मोहब्बत की मुसीबत झेल ले |
इक ख़ुशी का राज़ पिन्हाँ जादा-ए-मंज़िल में है ||
आज फिर मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार बार |
आएँ वो शौक़-ए-शहादत जिन के जिन के दिल में है ||
मरने वालो आओ अब गर्दन कटाओ शौक़ से |
ये ग़नीमत वक़्त है ख़ंजर कफ़-ए-क़ातिल में है ||
माने-ए-इज़हार तुम को है हया, हम को अदब |
कुछ तुम्हारे दिल के अंदर कुछ हमारे दिल में है ||
मय-कदा सुनसान ख़ुम उल्टे पड़े हैं जाम चूर |
सर-निगूँ बैठा है साक़ी जो तिरी महफ़िल में है ||
वक़्त आने दे दिखा देंगे तुझे ऐ आसमाँ |
हम अभी से क्यूँ बताएँ क्या हमारे दिल में है ||
अब न अगले वलवले हैं और न वो अरमाँ की भीड़ |
सिर्फ़ मिट जाने की इक हसरत दिल-ए-‘बिस्मिल’ में है ||Independence Day Poem In Hindi
11.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – श्यामलाल गुप्त ‘पार्षद’
महर्षि मोहन के मुख से निकला |
स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत ||
सचेत होकर सुना सभी ने |
स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत ||
रहा हमेशा स्वतन्त्र भारत |
रहेगा फिर भी स्वतन्त्र भारत ||
कहेंगे जेलों में बैठकर भी |
स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत ||
कुमारि, हिमगिरि, अटक, कटक में |
बजेगा डंका स्वतन्त्रता का।
कहेंगे तैतिस करोड़ मिलकर ||
स्वतन्त्र भारत, स्वतन्त्र भारत।Independence Day Poem In Hindi
12.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – सुब्रमण्यम भारती
देश है हमको जान से प्यारा |
इस पर अपनी जान निसार ||
यह देश है हम सब का गौरव |
इससे है हमारी आन, बान और शान ||
कई वीर जवानों ने मिलकर |
कुर्बान की जानें अपनी ||
आजाद भारत का स्वप्न लिए |
हर चुनौती को पार किया ||
इस देश को कभी झुकने न दिया |
इस देश के गौरव को मिटने न दिया ||
हम हैं कल के भारत की नींव |
हम भी चलेंगे लेकर यह रीत ||
जब-जब देश पर आएगी आंच |
देश के रक्षक बनेंगे हम भी ||
चाहे लगानी पड़े जान की बाजी |
हम देश नहीं झुकने देंगे ||
देश है हमको जान से प्यारा |
इस पर अपनी जान निसार ||Independence Day Poem In Hindi
13.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – इंद्रा गोस्वामी
सोने की चिड़िया कहा जाने वाला भारत |
न जाने कितने शासकों के जुल्म सह गया है ||
होने लगा गुलामी का हाल बद से बत्तर |
तो उठने लगी बगावत की मिशाल अब सबकी ऊपर ||
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर, अशफाकउल्ला समेत कई आगे आए |
रानी लक्ष्मी ने भी रण में दुश्मनों के पसीने छुड़ाए ||
हुए सब के सब वीरगति को प्राप्त |
मगर न डगमगाए इरादे से अपने ||
आजादी की आग में जन जन में आक्रोश भर डाला था |
गाँधी की खामोश लाठी का भी खूब बोल बाला था ||
भारत ने आजादी पाई |
देश का ध्वज फिर से लहराया ||
सोने के चिड़िया के बिखरे पखों से |
एक नए भारत की नींव रखी ||Independence Day Poem In Hindi
Independence Day Poem In Hindi
14.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – हरिवंशराय बच्चन
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान |
आज़ादी का आया है पहला जन्म-दिवस ||
उत्साह उमंगों पर पाला-सा रहा बरस |
यह उस बच्चे की सालगिरह-सी लगती है ||जिसकी मां उसको जन्मदान करते ही बस |
कर गई देह का मोह छोड़ स्वर्गप्रयाण ||
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान |
किस को बापू की नहीं आ रही आज याद ||किसके मन में है आज नहीं जागा विषाद |
जिसके सबसे ज्यादा श्रम यत्नों से आई ||
आजादी उसको ही खा बैठा है प्रमाद |
जिसके शिकार हैं दोनों हिन्दू-मुसलमान ||आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान |
कैसे हम उन लाखों को सकते है बिसार ||
पुश्तहा-पुश्त की धरती को कर नमस्कार |
जो चले काफ़िलों में मीलों के, लिए आस ||कोई उनको अपनाएगा बाहें पसार |
जो भटक रहे अब भी सहते मानापमान ||
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान |
कश्मीर और हैदराबाद का जन-समाज ||आज़ादी की कीमत देने में लगा आज |
है एक व्यक्ति भी जब तक भारत में गुलाम ||
अपनी स्वतंत्रता का है हमको व्यर्थ नाज़ |
स्वाधीन राष्ट्र के देने हैं हमको प्रमाण ||आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान |
है आज उचित उन वीरों का करना सुमिरन ||
जिनके आँसू, जिनके लोहू, जिनके श्रमकण |
से हमें मिला है दुनिया में ऐसा अवसर ||हम तान सकें सीना, ऊँची रक्खें गर्दन |
आज़ाद कंठ से आज़ादी का करें गान ||
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान |
सम्पूर्ण जाति के अन्दर जागे वह विवेक ||जो बिखरे हैं, हो जाएं मिलकर पुनः एक |
उच्चादर्शों की ओर बढ़ाए चले पांव ||
पदमर्दित कर नीचे प्रलोभनों को अनेक |
हो सकें साधनाओं से ऐसे शक्तिमान ||दे सकें संकटापन्न विश्व को अभयदान |
आज़ादी का दिन मना रहा हिन्दोस्तान ||Independence Day Poem In Hindi
15.
स्वतत्रंता दिवस की कविता
कवि – अज्ञात
हम होंगे कामयाब |
रखो स्वयं पर विश्वास ||
माना वक्त है सख्त |
पर फिर पलटेगा तख्त ||
नहीं खोना है आत्मविश्वास |
है जब अपनों का साथ ||
हंसते गाते समय कट जाएगा |
खुली हवा में फिर मनुष्य सांस ले पाएगा ||
स्थिर तो कुछ नहीं इस दुनिया में |
वक्त का पहिया चलता जाएगा ||
है जो अवसाद का वातावरण |
प्रोत्साहन में बदल जाएगा ||
आत्मिक शक्ति से |
डर का अंत हो जाएगा ||
मन में रखो विश्वास |
हम होंगे कामयाब ||Independence Day Poem In Hindi
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